*उज्जैन के महाकाल मंदिर को मिला आयकॉनिक प्लेस का दर्जा,2 अक्टूबर को मिलेगा अवॉर्ड*।
मध्यप्रदेश के सबसे प्रसिद्ध महाकाल मंदिर को केंद्र सरकार ने स्वच्छ भारत नेशनल अवॉर्ड से नवाजा है।केंद्र सरकार ने इस मंदिर को देश के 30 आइकॉनिक स्थानों में से पहला स्थान दिया है। दूसरे स्थान पर सोमनाथ व तीसरे पर वैजनाथ धाम रहा है।
ये अवॉर्ड पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालय की ओर से स्वच्छ भारत अभियान की वर्षगांठ पर 2 अक्टूबर को नईदिल्ली में दिया जाएगा।इसके लिए आईईसी के डायरेक्टर युगलकिशोर जोशी ने जिला पंचायत सीईओ संदीप जी.आर को पत्र भी लिखा है। इस अवॉर्ड को लेने महाकाल मंदिर के प्रशासन अभिषेक दुबे दो अक्टूबर को नई दिल्ली जाएंगे।
दरअसल, महाकालेश्वर मंदिर को पिछले वर्ष आइकॉनिक पैलेस के रूप में शामिल किया गया था। भारत सरकार के पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालय की ओर से सालभर में इन आइकॉन स्थलों पर साफ-सफाई की मानिटरिंग भी की गई थी।इन सभी स्थानों को सरकार ने सीएसआर के माध्यम से विकास और सुविधाओं में बढ़ोतरी के लिए राशि उपलब्ध कराई थी, जिसमें उज्जैन महाकाल मंदिर को 7 करोड़ 92 लाख रुपए दिए थे। मई 2018 में 30 आइकॉन स्थानों को लेकर हैदराबाद में कार्यशाला भी रखी गई थी। वहीं मंत्रालय की ओर से सफाई व्यवस्था को लेकर सात बिंदु भी तय किए गए थे। मंदिर प्रशासक दुवे के मुताबिक इन बिंदुओं पर मंदिर में बेहतर काम हुआ है। मंत्रालय ने इसी आधार पर स्वच्छता के मामले में महाकाल मंदिर को श्रेष्ठ स्वच्छ आइकॉन स्थान के रूप में चयन किया है।
इतने करोड़ खर्च कर पाया पहला स्थान
महाकाल मंदिर में साफ-सफाई से लेकर श्रद्धालुओं के लिए विभिन्न सुविधाओं के लिए मंदिर प्रशासन की ओर से 12.69 करोड़ रुपए की राशि भी खर्च की गई। इसमें 8 करोड़ से श्रद्धालुओं के ट्रेवलिंग पैसेज, शेल्टर, एयर कूलिंग सिस्टम, आरओ वॉटर, एलसीडी स्क्रीन, इंतजार कक्ष और सीटिंग व्यवस्था की गई।
ऐसे बना आइकॉनिक प्लेस
-सफाई एक्शन प्लॉन का क्रियान्वयन- मंदिर में सफाई के लिए आधुनिक मशीन, शौचालय निर्माण सहित अन्य कार्य किए गए।
-स्मार्ट सिटी- मंदिर के आसपास विकास कार्यों के लिए स्मार्ट सिटी के तहत प्रोजेक्ट बनाए।
-मृदा योजना के तहत रूद्रसागर के विकास की योजना तैयार की।
-आर्थिक रूप से सक्षम- मंदिर के विकास के लिए आर्थिक रूप से सुदढ़ हुए।
-सीएसआर राशि का उपयोग- मंदिर को एनएचडीसी से सीएसआर के तहत 7 .92 करोड़ रुपए की राशि मिली।
-इससे मंदिर में सोलर लाइट, मैैट, आरओ सिस्टम सहित अन्य बेहतर कार्य में उपयोग किया गया।
-मंदिर के बाहर भी सफाई- मंदिर के अंदर ही नहीं बाहरी क्षेत्र में भी सफाई बेहतर की गई।
-यहां स्वच्छता के साथ श्रद्धालुओं के सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए काम किए गए।
-एसआइपी प्लॉन के मुताबिक काम- मंदिर में स्वच्छ आइकॉन पैलेस के रूप में चयनीत होने पर इसी आधार पर सफाई व्यवस्था की योजना बनाते हुए काम किया गया।
-स्वच्छता के अन्य उपाय- मंदिर में प्राकृतिक स्वच्छता पर भी ध्यान दिया। इसमें सोलर लाइट, जलाभिषेक के लिए आरओ जल, पूजा-पाठ की सामग्री सहित अन्य वस्तुओं का सीमित उपयोग किया गया।
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