भानपुरा 2 बच्चों ने ठान ली है, गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में अपना नाम दर्ज करवाने की।

बिग ब्रेकिंग न्यूज़ 

भानपुरा 

हिंदुस्तान के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है।

"कोरोना वाइरस महामारी " के कारण लॉक डाउन के चलते


2 बच्चों ने ठान ली है,

गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में अपना नाम दर्ज करवाने की।

जी हाँ हम बात कर रहे है भानपुरा जिला मन्दसौर मध्यप्रदेश निवासी इन दो बच्चों की जिन्होंने 21 दिन के लॉक डाउन इंडिया के प्रधानमंत्री के आह्वान को सर आंखों पर लेते हुए ,और उसकी पालना करते हुए देश के सभी बच्चों को ऐसा सन्देश दिया कि जिसने भी पड़ा और सुना , उसके आश्चर्य की सीमा ही नही रही , इन दो बच्चों ने वो कमाल कर दिया जिसे दुनिया मे आज तक बच्चे तो क्या शायद किसी बड़े गणितज्ञ ने भी नही किया होगा।


दरअसल मामला भानपुरा जिला मन्दसौर मध्यप्रदेश के निवासी दो बच्चों का है। 11 वर्षीय जैनब पठान और 9 वर्षीय मुज्जमिल पठान ने लॉक डाउन के चलते देश के प्रधानमंत्री जी की घोषणा को सार्थक करते हुए एक अनोखा रिकार्ड बनाने की ठानी है जिसमे ये दोनों बच्चे गणित के 42 हजार सवाल
( प्रत्येक बच्चा 21 हजार सवाल )हल कर रहे है। औऱ आज दिनांक 4 अप्रेल2020 तक इन बच्चों ने 83 कापियों में 21हजार तीन सौ गणित के सवाल और 592 पेज हिंदी और इंग्लिश पाठ नकल कर चुके है जो कि 11 दिनों की बड़ी उपलब्धि है। इनका लक्ष्य है कि 21 दिन के लॉक डाउन के दौरान 50 हजार गणित के सवाल और 1 हजार पेज हिंदी इंग्लिश पाठ नकल करके गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में अपना नाम दर्ज करवाना है। जो कि लगभग इनकी मेहनत को देखते हुए अब संभव लग रहा है। क्योंकि शुरू के दिनों में बच्चों की स्पीड काफी कम थी लेकिन आज इनकी स्पीड किसी सुपर पावर कम्प्यूटर की तरह है। और मुज्जमिल पठान ने एक वर्ष पूर्व जब ये तीसरी कक्षा में पढ़ता था, तबिस बच्चे ने एक ही ड्राइंग शीट कक्षा 1 से 10 वी पैटर्न के 3 हजार 5 सौ गणित के सवाल हल करके सब को चोंका दिया था जो भी अपने आप मे एक वर्ल्ड रिकार्ड है। एक ड्राइंग शीट पर इतने सवाल आज तक कोई नही कर पाया। इस कार्य को करने की प्रेरणा और इस कार्य को करने के लिये उपयोग में आने वाली स्टेशनरी ,
"श्रीराम एजुकेशन " संस्थान भानपुरा द्वारा प्रदान की जा रही है।

श्रीराम एजुकेशन के सरक्षक श्री डॉक्टर पी के भट्ट सर , एवं डॉक्टर जयन्त जोशी द्वारा बच्चों को विशेष मार्गदर्शन एवं हर सम्भव मदद कर रहे है।


समर्पित ,
ये बच्चे अपना ये कार्य समर्पित करना चाहते है देश के प्रधानमंत्री को, देश के तमाम डॉक्टर को , पैरामेडिकल स्टाफ को, सफाई कर्मचारी को ,सेनिको को, पुलिस कर्मचारी को, बिजली कर्मचारी को , एवं उन सभी लोगो को जो देश मे आये इस संकट के समय मे अपनी पूरी ताकत के साथ पूरे देश वासियों की सेवा में लगे है। इन बच्चों की एक ही लगन है । हमे प्रधानमंत्री जी के आदेश का पालन करना है , घर मे ही बैठना है , और कोरोना को हराना है और देश बचाना है ।
इसीलिए इन बच्चों ने अपने इस मिशन का नाम

" Special exam with isolation at home due to- COVID-19 "

रखा है।

वाकई में ऐसी खूबी , ऐसा जज़्बा ,ऐसी मेहनत आज तक दुनिया मे नही देखी गई है।
अब बात ये आती है कि 50 हजार सवाल आएंगे कहाँ से, हम अगर NCERT की कक्षा 1 से कक्षा 10वी तक कि सभी गणित की पाठ्यक्रम को देखे तो लगभग 10 से 12 हजार सवाल बमुश्किल होंगे। और बच्चे जिनमे 11 वर्षीय जैनब पठान 6th क्लास और 9 वर्षीय मुज्जमिल पठान 4th क्लास में वर्तमान में अध्ययनरत है। तो ये कैसे सम्भव है।
इसका जवाब है खुद इन बच्चों के पिता , जो कि बच्चों की गणित ,के मामले में महारथी है। ये सारे सवाल वो खुद तैयार कर रहे है। और परीक्षा की तरह ही वो सारे सवाल इनको लिख कर दे रहे है जिन्हें ये बच्चे एक निश्चित समय मे कर रहे है। 
श्री यूसुफ पठान का कहना है कि माननीय प्रधानमंत्री जी ने घर मे रहने के आदेश दिये है, इस महामारी के चलते एक निश्चित सामाजिक दूरी में रहना निहायत जरूरी है। ये इस वक्त हमारे देश के लिये बहुत जरूरी है। हम सब को एकजुट होकर इस बीमारी से लड़ना है और कोरोना से लड़ रहे सम्पूर्ण भारतवर्ष को जीताना है । बच्चे घर मे बोर न हो और इस नई बीमारी को हराने के लिये घर मे बैठना भी जरूरी है तो क्यों न नई बीमारी के लिये नया काम किया जाए। इसीलिये 21 दिन में 50 हजार सवाल हल करने के का चुनोती बच्चों के सामने जिसे बच्चों ने उत्साह से स्वीकार किया और घर मे बैठ कर इस महामारी के खिलाफ महा अभियान छेड़ दिया। जो कि अब सफलता की और बढ़ रहा है।

यूसुफ पठान बिजली विभाग में परीक्षण सहायक के पद पर कार्यरत है , जो इससे पहले गणित के टीचर भी रह चुके है जिन्होंने अपनी तेईस वर्ष की आयु में  सिलेबस एडवांस मेथेमेटिक्स पर एक बुक सन 2009 लिखी थी। यूसुफ पठान अब तक 4 विभिन्न प्रकार की सरकारी नोकरी कर चुके है। वर्तमान में  बिजली विभाग में परीक्षण सहायक के पद पर पदस्थ है।



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