पहले दिन शासन की मिल्कियत के बोर्ड लगाए व दूसरे दिन शासन के हित में नामांतरण सहित पोरवाल मांगलिक भवन एवं आलमपुर छतरी संस्थान के गणगौर वाले बगीचे की भूमि को सील कर अपने कब्जे में लिया

भानपुरा में खासगी ट्रस्ट की संपत्ति को लेकर प्रशासन सख्त...


तहसीलदार श्री यादव की त्वरित कार्रवाई पर नगर में प्रसन्नता का वातावरण.....

पहले दिन शासन की मिल्कियत के बोर्ड लगाए व दूसरे दिन शासन के हित में.... नामांतरण सहित पोरवाल मांगलिक भवन एवं आलमपुर छतरी संस्थान के गणगौर वाले बगीचे की भूमि को सील कर अपने कब्जे में लिया.....

भानपुरा के खास एवं आम जनों में भारी हलचल.....



भानपुरा। उच्च न्यायालय के द्वारा इंदौर के खासगी ट्रस्ट देवी अहिल्या बाई होलकर चैरिटेबल ट्रस्ट की संपत्तियों को लेकर शासन के पक्ष में महत्वपूर्ण फैसला आने के बाद मंदसौर एवं नीमच जिले में अन्य संपत्तियां मौजूद होना पाई गई है। वंही एकमात्र भानपुरा में उच्च न्यायालय के आदेश के तुरंत बाद जिला कलेक्टर के आदेश पर तहसीलदार भानपुरा राकेश यादव ने अपने राजस्व अमले के साथ तत्कालीन होलकर वंश के खासगी ट्रस्ट की करोड़ों रुपए की मिल्कियत को तत्काल अपने कब्जे में ले लिया है।श्री यादव की देखरेख में गुरुवार 8 अक्टूबर को राजस्व अमले ने उपरोक्त संपत्तियों को अधिग्रहण करने हेतु बोर्ड लगाए थे। वंही शुक्रवार 9 अक्टूबर को श्री गोपाल कृष्ण मंदिर सरकारी कचहरी के पास के भानपुरा शासकीय सर्वे नंबर 4070 रकबा 110.0 हेक्टर अनुसार पूर्व की ओर बड़ा दरवाजा आम रास्ता पश्चिम में कोर व गुर्जरों का मोहल्ला, दक्षिण में कोट होकर कंवर साहब की गली व रास्ता, उत्तर में महाल कचहरी कोर्ट व पुलिस थाना की भूमि पर निर्मित श्री जांगड़ा पोरवाल समाज भानपुरा के पोरवाल मांगलिक भवन को सील कर नगर परिषद भानपुरा के रिकॉर्ड में दर्ज पुराने व्यक्तियों के मालिकाना हक को तत्काल खारिज कर पोरवाल मांगलिक भवन का नामांतरण शासन हित में किया जाकर राजस्व अमले के साथ मांगलिक भवन को सील कर अधिग्रहण करने की कार्रवाई की गई। उपरोक्त जानकारी पत्रकारों को देते हुए तहसीलदार भानपुरा श्री राकेश यादव ने बताया कि उपरोक्त श्री गोपाल कृष्ण मंदिर पर निर्मित अन्य भवन के निवासियों को आदेशित किया गए हैं कि वे 3 दिन में खासगी ट्रस्ट की भूमि पर निर्मित अपने द्वारा निर्मित मकानों को खाली कर कब्जा शासन को सौंप दें। श्री यादव ने बताया कि नगर परिषद भू राजस्व के अभिलेखों में देवी अहिल्याबाई ट्रस्ट के मंदिर एवं अन्य संपत्तियां जो पुजारियों के नाम पर है वह तो ठीक है। परंतु उपरोक्त संपत्ति को खरीदने वाले व्यक्तियों के नामों को खारिज कर शासन के नाम पर नामांतरण किया गया है। श्री यादव ने बताया कि अन्य मंदिरों पर पुजारियों को भरण पोषण हेतु दी गई भूमिया कहीं हस्तांतरित गिरवी या विक्रेय तो नहीं की गई है। उन सभी को भी राजस्व रिकॉर्ड के अनुसार शिघृ चिन्हित कर शासन अपने कब्जे में लेने की कार्रवाई सुनिश्चित करेगा।

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