भानपुरा अस्पताल में डाक्टरों की तैनाती व अस्पताल का कायाकल्प करने की मांग को लेकर ज्ञापन सौंपा....


भानपुरा अस्पताल में डाक्टरों की तैनाती व अस्पताल का कायाकल्प करने की मांग को लेकर ज्ञापन सौंपा.... 

वर्षों से पूरी तरह बीमार हो चुके अस्पताल मैं नहीं हो पाता है लोगों का इलाज..... 

जुलूस निकालकर मुख्यमंत्री के नाम तहसील कार्यालय में सौंपा गया ज्ञापन.... 

15 दिन में मांगे नहीं माने जाने पर आंदोलन किए जाने की दी चेतावनी....   

अस्पताल बचाओ आंदोलन समिति ने किया शासकीय अस्पताल भानपुरा के कायाकल्प का आगाज.....

 भानपुरा।  शासकीय चिकित्सालय भानपुरा में सभी 12 चिकित्सकों एवं विशेषज्ञ चिकित्सकों के पद खाली पड़े हैं। यहां दो तीन डाक्टरों की अस्थाई कुछ समय के लिए नियुक्ति की गई है। गंभीर रूप से खुद शासकीय चिकित्सालय भानपुरा अनेक असुविधाएं भोग रहा है। छोटी बड़ी दुर्घटनाओं या छोटी-छोटी बीमारियों के लिए मरीजों को सिर्फ व सिर्फ रेफर किया जाता है। यहां कुछ उपकरण काम कर रहे हैं। परंतु अनेक आवश्यक उपकरणों तथा डॉक्टरों के अभाव में नगर भानपुरा एवं तहसील की लगभग डेढ़ लाख जनता को इलाज के अभाव में बुरे दौर से गुजरना पड़ रहा है। गरोठ भानपुरा में कांग्रेस भाजपा की सत्ता आती है, जाती है, कई जनप्रतिनिधि बदल जाते हैं, परंतु शासकीय चिकित्सालय भानपुरा का कायाकल्प कभी नहीं होता है। इसी बदहाली को लेकर नगर भानपुरा में खासकर युवाओं में भारी गुस्सा दिखाई दिया व इसी के चलते अस्पताल बचाओ आंदोलन समिति के तत्वाधान में मंगलवार 20 अक्टूबर की प्रातः 11 बजे नवीन बस स्टैंड स्थित विजय स्तंभ से एक जुलूस क्षेत्रवासियों के हित में निकाला जाकर तहसील कार्यालय भानपुरा में मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन तहसीलदार राकेश यादव के भानपुरा से बाहर होने के चलते उनके निर्देश पर उनके संहयोगी बेनी प्रसाद मरावी को सौंपा गया। ज्ञापन का वाचन पत्रकार लालचंद रुद्रवाल द्वारा किया गया। इस अवसर पर नगर के मुख्य मार्गो पर जनप्रतिनिधियों की अनदेखी एवं शासकीय चिकित्सालय भानपुरा में डाक्टरों व आवश्यक उपकरणों की मांग को लेकर जमकर नारेबाजी की गई। साथ ही ज्ञापन में लिखा गया कि अनेक वर्षों से नगर भानपुरा तहसील भानपुरा के ग्रामीण अंचलों की लगभग डेढ़ लाख की जनसंख्या में निवासरत ग्रामीण एवं नगर वासियों को हर तरह के उपचार हेतु भवानीमंडी, झालावाड़, कोटा, मंदसौर, नीमच, इन्दौर, अहमदाबाद सहित अनेक बड़े नगरों पर निर्भर होना पड़ता है। अनेक बार गंभीर रूप से दुर्घटनाग्रस्त होने पर या बीमारों को बीच रास्ते में ही दम तोड़ते देखा गया है। ज्ञापन में यह भी लिखा गया है कि गरीब व्यक्ति पैसे के अभाव में शहरों में जाकर महंगा इलाज कराने में असमर्थ होते हैं। वंही भानपुरा का शासकीय चिकित्सालय मंदसौर जिले के बाद उप- चिकित्सालय के रूप में स्थित है, परंतु यहां पर कोई भी सुविधा उपलब्ध नहीं है। यहां के निवासियों को स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। हस्ताक्षरित ज्ञापन में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से यह भी मांग की गई है कि शीघ्र ही जो 12 चिकित्सकों  एवं विशेषज्ञ चिकित्सकों नियुक्त किया जाए एवं पर्याप्त रूप से उपचार के उपकरण भी यहां उपलब्ध करवाए जाए। वर्षों से डाक्टरों व उपकरणों का अभाव झेल रहे लोगों को यदि शासकीय चिकित्सालय भानपुरा में उपरोक्त सुविधाएं तथा मांगों के निराकरण 15 दिवस में नहीं किये जाने पर गेर राजनीतिक अस्पताल बचाओ आंदोलन समिति उग्र आंदोलन किए जाने हेतु मजबूर होगी। जिसकी समस्त जवाबदारी शासन- प्रशासन की होगी।

ज्ञापन की प्रतिलिपि जिला कलेक्टर मंदसौर, स्वास्थ्य मंत्री मध्य प्रदेश शासन, क्षेत्रीय विधायक गरोठ भानपुरा ,अनुविभागीय अधिकारी राजस्व गरोठ, तहसीलदार भानपुरा एवं ब्लॉक मेडिकल अधिकारी भानपुरा को भी भिजवाई गई है।

विजय स्तंभ से तहसील कार्यालय तक निकाले गए जुलूस में मुख्य रूप से सौरभ विश्वकर्मा, प्रदीप जीनगर, अजय देवरिया, कुणाल घोडपकर, दिलशाद हुसैन मंसूरी, रईस खान, अंतिम तिवारी, शीतल भूटानी, दीपक माली, रानू ठाई , प्रेस क्लब अध्यक्ष अनिल नाहर, सचिव लालचंद रुद्रवाल, उपाध्यक्ष हरीकृष्ण मरमट, दिनेश छालीवाल, निर्मल शर्मा, दिनेश मांदलिया, अशोक माली, प्रतिक ठाई, मोहसिन कुरेशी, शरीफ हुसैन, घनश्याम भटृ, रवि पाटीदार, सुखदेव कछावा, विनित सागित्रा, राहुल कछावा, निर्मल गुर्जर, विनोद चंदेल, अमित मीणा, गोपाल गुर्जर, धनराज मीणा सहित अनेक नगर भानपुरा व ग्रामीण क्षेत्र के युवा शामिल थे।

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