भानपुरा क्षेत्र मां हिंगलाज की महिमा जाने क्या है विशेष ( नवरात्रि विशेष तथ्य)


भानपुरा :- ११ रहवीं शताब्दी में मालवा पर शासन करने वाले परमार राजाओं ने भानपुरा से 26 किमी दूर एक अद्भुत किले का निर्माण कराया था । बलूचिस्तान, पाकिस्तान में एक महत्वपूर्ण हिंगलाज माता मंदिर हिंदू तीर्थ स्थान है. यह बलूचिस्तान प्रांत में कराची से २५० किमी उत्तर पश्चिम में स्थित है.हिंगलाज माता मौरी एवं (परमार) राज वंश की कुलदेवी है मौरी (परमार) शासकों ने अविभाजित भारत के बलुचीस्थान हिंगलाज माता मंदिर से माँ हिंगलाज की जोत लाकर यहाँ पर हिंगलाज माता के मंदिर की स्थापना की | शुरू में इस क्षेत्र हिंगलाज टेकरी' के रूप में जाना जाता था लेकिन बाद में परमार(मौरी) शासकों यहां एक किला बनाया और इस हिंगलाजगढ़ या हिंगलाज किले के रूप में जाना जाने लगा.हिंगलाजगढ़ परमार शासन के दौरान बहुत सामरिक बन गयाऔर वे इसे मजबूत बनाया . १२८१ में हाडा शासक हालु ने यहाँ कब्जा कर लिया, और बाद में यह चंद्रावत शासकों के अधीन आ गया.गोपाल सिंह, एक चंद्रावत शासक की हवेली का उल्लेख चंद्रावत की पटनामे में पाया जाता है. १७७३ में होल्कर रानी अहिल्या बाई ने लक्ष्मण सिंह चंद्रावत को हराया और यह कब्जा कर लिया. रानी अहिल्याबाई होल्कर दुवारा हिंगलाज मनदिर का पुनः निर्माण कराया फोर्ट हिंगलाज माता मंदिर, राम मंदिर, शिव मंदिर के साथ साथ होलकर शासन के दौरान पुननिर्माण कराया गया. यहाँ पर दूर दूर से माता के भक्त नवरात्री एवं अन्य दिन भी बड़ी संख्या में आते है यहाँ पर भक्तो की हर मुराद पूरी होती है

Comments