भानपुरा। शासकीय सुभाष उत्कृष्ट विधालय के पुस्तकालय व पुस्तक डिपो के कक्ष मे 26 अक्टूबर को प्रात करीब 11:00 बजेभीषण आग लग गई। जिससे कक्ष मे कईपुस्तकें, लकड़ी की अलमारियां, साइकिले, खिड़की दरवाजे एवं अन्य सामग्री नुकसान हुआ साथ ही कक्ष मे रखी आधा दर्जन। विधालय मे आग कैसे लगी अभी उसका कारण अज्ञात है। पर 25 अक्टुबर कि शाम इस परिसर मे रावण दहन हुआ था ओर रावण दहन के पहले आतिशबाजी हुई थी। आग लगभग 18 घण्टे बाद दिन मे 11 बजे के आसपास लगी जब कक्ष से धुआं उठता दिखाई दिया। जब नगर परिषद भानपुरा के विधुत कर्मी मैदान मे लगे हैलोजिन लेम्प खोलने आए थे। हाइलोजन लैंप उस कमरेेेे के बाहर खुली खिड़की पर लगा था उन्होंने विधालय के प्राचार्य ओ पी पुरोहित को सुचना दी ,सुचना पर नगर परिषद का फायर बिग्रेड आया पर जगह जगह से पाइप फुटने के कारण दोपहर तीन बजे तक भी आग नही बुझ पाई थी। फायर बिग्रेड कि हालत बहुत ही खराब नजर आई। इस अग्नीकाण्ड मे बच्चों की दो साइकिल व फर्नीचर भी जलकर राख हो गये। साथ ही समीप वाले कक्ष मे रखी पुस्तकें भी फायर बिग्रेड के पानी से गिली हो गई। मध्य प्रदेश माध्यमिक शिक्षा मण्डल कि पुस्तकें थी जो वितरण होना थी।
कुछ पुरानी 2018 व 2019 कि पुस्तकें भी थी। आग आतिशबाजी से लगी या अन्य कारण से लगी यह जाचं के बाद ही पता चल पाएगा। मिली जानकारी के अनुसार एक से दो लाख रुपये कि पुस्तकें व अन्य सामग्री जली है।
कुछ पुरानी 2018 व 2019 कि पुस्तकें भी थी। आग आतिशबाजी से लगी या अन्य कारण से लगी यह जाचं के बाद ही पता चल पाएगा। मिली जानकारी के अनुसार एक से दो लाख रुपये कि पुस्तकें व अन्य सामग्री जली है।
विधालय के प्राचार्य ओ पी पुरोहित ने बताया कि मेने पुलिस व प्रशासन को लिखित सुचना दे दी है। जिसमे बताया हे कि 25 अक्टुबर को विधालय के मैदान मे रावण का दहन हुआ था। ओर आतिशबाजी हुई थी। आग कैसे लगी यह कारण अज्ञात है यह लाइट सर्किट से भी लग सकती है वैसे यह पुस्तकें पुरानी थी जो कि कोर्स से हटा दी गई थी और कुछ पुस्तकें जो पढ़ी नहीं जाती है वह वहां रखी हुई थी हां यह अवश्य है कि कुछ पुस्तकें जो बटना थी वह गीली जरूर हो गई है
विधायक देवीलाल धाकड ने दुरभाष दूरभाष पर बताया कि आग लगने के कारणो कि जाचं के लिए मेने अधिकारियों को निर्देशित किया है। नगर परिषद की फायर ब्रिगेड कि दुर्दशा पर आपने कहा कि उसको ठीक कराने के नगरपालिका अधिकारी को आदेश दिया है। कहा कि आगजनी मे दुर्लभ साहित्य व अन्य पुस्तकों का जलना दुखद है।
अगर आतिशबाजी से आग लगती तो 18 घंटे बाद कैसे धुआं उठा यह सब बाते निश्पक्ष जाचं के बाद ही पता लगेगी।
तहसीलदार राकेश यादव ने कहा कि आग कैसे लगी यह जाचं का विषय है। पटवारी को भेजकर मौका पंचनामा बनाया गया है। ओर उच्च अधिकारियों को सुचित किया गया है। आग लगने के कारणो कि जाचं होगी। दशहरा कमेटी के अध्यक्ष मुकेश वधवा ने बताया कि रावण दहन के वजह से आग लगती तो रावण दहन के 2 से 3 घंटे में कि आग फैल जाती जाती क्योंकि वहां सारी पुस्तकें ही थी अन्य कारण से भी आग लग सकती है किंतु वास्तव में पुस्तकों का जलना बहुत ही चिंता का विषय हैp
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