आराध्य देव केशुबावजी सज धज कर निकले....
महोत्सव व विवाह उत्सव को लेकर पूरी रात्रि तंबोली मोहल्ले में रहा उत्सवी माहौल....
भानपुरा। नगर के सबसे बड़े समाज का दर्जा प्राप्त पान उत्पादक श्री सूर्यवंशी कुमरावत तंबोली समाज के आराध्य देव, देव पुरुष केशुबावजी महाराज के पांच दिवसीय महोत्सव का शनिवार 31 अक्टूबर की मध्य रात्रि में विवाह उत्सव धूमधाम व आस्था के साथ संपन्न कराए जा कर जयकारों के साथ विदाई देकर समापन किया गया। पांच दिवसीय महोत्सव के दौरान पूरे तंबोली मोहल्ले को, रामपुरा गेट को, रामपुरा गेट से विजय स्तंभ तक आकर्षक विद्युत सज्जा से दुल्हन की तरह सजाया गया।
उक्त जानकारी देते हुए हरिकृष्ण मरमट ने बताया की इस वर्ष कोविड-19 कोरोना महामारी के चलते समाज ने शासन के निर्देशों का पालन करते हुए। विगत वर्षों की तरह इस वर्ष केशुबावजी महोत्सव के अंतर्गत नगर के प्रमुख मार्गों से निकाली जाने वाली भव्य शोभायात्रा एवं सामाजिक महाभोज का आयोजन स्थगित रखा गया। पांच दिवसीय महोत्सव परंपरागत रूप से तंबोली मोहल्ले में ही मनाया गया। केशुबावजी महोत्सव के पांचवे शरद पूर्णिमा के दिन तंबोली समाज ने भारी उत्साह व आस्था के बीच रात्रि करीब 7 बजे आराध्य देव केशुबावजी महाराज व सजी-धजी दुल्हन रूपी मटकी की भव्य शोभायात्रा बैंड बाजे ढोल आतिशबाजी के साथ निकाली गई। महोत्सव परंपरा को लेकर विशेष रूप से समाज के युवा वर्ग युवक-युवतियों में भारी उत्साह बना रहा।
शोभायात्रा में समाज के युवक युवतियां व महिलाएं ढोल गूंज बैंड बाजों की धुन पर खूब थिरके। परंपरागत रूप से शोभायात्रा तंबोली समाज मंदिर श्री राम मंदिर से लेकर रामपुरा गेट तक एवं रामपुरा गेट स्थित दुधाखेड़ी माताजी स्थान पर महाआरती के बाद शोभायात्रा वापस मंदिर पहुंचकर धूमधाम के साथ आरती के बाद संपन्न हुई। इसके बाद केशुबावजी महाराज को मंदिर के सामने विराजित किया गया। यहां तंबोली समाज के प्रत्येक परिवार ने पान पुष्प ज्वारा कुमकुम मेहंदी अबीर धूप व नैवेद्य लगाकर पूजा अर्चना की केशुबावजी महाराज की परिवार के पुरुष द्वारा एवं महिलाओं ने मंदिर परिसर में विराजित दुल्हन के रूप में सजी-धजी मटकी की पूजा-अर्चना कर सुख-समृद्धि की कामना की। इससे पूर्व नगर माता तीर्थ धाम पर समाज जनों की बड़ी उपस्थिति में सायंकाल महा आरती का आयोजन संपन्न हुआ। केशुबावजी महाराज की समाज के परिवारों द्वारा पूजा अर्चना संपन्न की जाने के बाद मध्य रात्रि में रात्रि करीब एक बजे मंदिर परिसर में विवाह मंडप में पूरे विधि विधान के साथ आराध्य देव, देव पुरुष केशुबावजी महाराज का दुल्हन रूपी सजी-धजी मटकी के साथ विवाह संपन्न करवाया गया। आराध्य देव का विवाह संपन्न कराए जाने का सौभाग्य दिनेश मांदलिया पिता स्वं गौरीशंकर मांदलिया व परिवार को प्राप्त हुआ। इस दौरान पूरे तंबोली मोहल्ले में उत्सवी माहौल निर्मित रहा। इस दौरान समाज जनों द्वारा चाय, दूध आदि के स्टॉल भी लगाए गए। आराध्य देव केशुबावजी महाराज का विधि-विधान के साथ विवाह संपन्न होने के बाद महाआरती हुई। इसके बाद केशुबावजी व दुल्हन रूपी सजी-धजी मटकी को समाज जनों द्वारा पूरी आस्था व श्रद्धा एवं जयकारों के साथ विदाई दी गई। इस अवसर पर बड़ी संख्या में उपस्थित समाज जनों ने सुख शांति समृद्धि और खुशहाली की कामना की। छत्री रोड मार्ग स्थित पगले वाले स्थान पर केशव जी महाराज का विसर्जन किया गया एवं महाप्रसादी का वितरण किया गया। पांच दिवसीय केशुबावजी महोत्सव व विवाह उत्सव संपन्न होने के बाद समाज में शुभ कार्य शुरू हो जाते हैं।
शरद पूर्णिमा के अवसर पर नगर के विभिन्न मंदिरों में खीर दूध का वितरण किया गया।
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